बी.एड फुल टाइम पाठ्यक्रम

    
 बी.एड फुल टाइम अभ्यासक्रम NCTE आधारित



प्रस्तावना


शिक्षा स्नातक कार्यक्रम जिसे बीएड कार्यक्रम कहते है. जो 

प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल तथा उच्चतर माध्यमिक के लिए

अध्यापक तैयार करता है.


अवधि तथा कार्य दिवस-

अवधि-

बीएड कार्यक्रम दो वर्ष का होगा . तथा विधार्थी इस कार्क्रम को अधिक से अधिक तीन वर्ष में कर सकते है.

कार्यदिवस -

  • प्रत्येक  वर्ष  में काम से कम २०० कार्य  दिवस होगे।  इसमें प्रवेश  तथा परीक्षा की अवधि सम्लित  नहीं  है.
  • कार्यकम चलाने वाली संस्था  प्रति  सप्ताह  कम से कम ३६ घंटे  कार्य  करेगी।
  • विधार्थी के लिए उपस्थति ८०% होने चाहिए।
  • अन्य में ९०% होने चाहिए .
दखिला /छमता ,प्रवेश  प्रक्रिया  तथा  शुल्क 

 दखिला  छमता -

छात्रों  की एक मूल  इकाई  में ५० विधार्थी  होंगे।  संथा  में अधिकतम  दो इकाई  को प्रवेश  दिया जायेगा।
 पात्रता -

  कार्यक्रम   में प्रवेश के लिए स्नातक डिग्री विज्ञानं / सामाजिक   विज्ञानं /मानविकी  विज्ञानं में काम से काम ५०% वाले        विधार्थी पात्र होंगे.तथा अन्य  के लिए ५५% होने चाहिए.
  पिछड़ी जातीय के लिए राज्य सरकार के नियम  अनुसार छूट     मिलेगी

शुल्क -


कोई संस्था समय  समय  पर यथा  सम्बोधित राष्ट्रिय  अध्यापक  शिक्षा  परिषद विनियम २००२ के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार  या संस्था फीस निर्धारित  करेगी। 


पाठचर्या , कार्यक्रम तथा मूल्यांकन -


पाठचर्या -


बीएड  की पाठ्यचर्या का अभिकल्पन इस प्रकार होगा। जिसमे विषय  के ज्ञान मानव  विकास, शिक्षा  शास्त्रीय ज्ञान ,तथा अन्य  कौशल का संघटन हो।  इन पाठचर्यायातमक के अंतर्गत आने वाले पाठ्यकर्म  मूल लेखो  के साधन अध्ययन लेख  प्रसतुतीकरण तथा क्षेत्रों के साथ सतत  विनियोजन पर आधारित होंगे। 

जिसमे कुछ निम्न  चीजे होगी 

  • प्रायोगिक इंटरशिप के कार्यकम होंगे।
  • स्कूल स्थान प्रशिक्षण इंटर्नशिप
इसके साथ योग शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षा इत्यादि होगे.

कार्यक्रम कार्यान्वन -

 इस व्यवसायिक अध्ययन कार्यक्रम के लिए प्रत्येक संस्था  को निम्नलिखित  अपेक्षाओं  को स्थानबद्ध प्रशिक्षण के लिए पूरा करना होगा।
  1. इंटरशिप  कार्यक्रम  का कैलेंडर  तैयार  करना होगा। 
  2. इंटरशिप कार्यकम के लिए १०विधयालय   व्यवस्था करनी होगी।
  3. विद्यालय अलग  अलग  सामाजिक तथा अन्य  कार्यक्रम कराये।
  4. शिक्षक  विद्यार्थीयो की शिकायत  सुनने  के लिए एक तंत्र बनाये।
  5. समय  समय  पर विद्यार्थियो  तथा संकाय  के लिए वाद  विवाद , लेखन , चर्चा  समूह आदि  का आयोजन  कर। 
सैद्धांतिक  पाठयकार्यक्रम -

इसमें किशोरअवस्था बाल्यावस्था , समकालीन भारत  की शिक्षा व्यवस्था समाजशास्त्रयी ज्ञान आदि के आधार पर पाठचर्या , अध्यापन  और अधिगम  विद्यालय तथा समाज के सन्दर्भ  में लिंग  तथा समावेशी  शिक्षा पाठयक़्रम  सम्लित  है.

पाठचर्या तथा शिक्षण शास्त्रीय अध्ययन -



भाषा  संबधी  पत्र पाठचर्या तथा संप्रेषण विषय  की समझ  , विधयालय विषय  का सामाजिक  इतिहास तथा  इसके शिक्षा  शास्त्रीय  आधारों  पर लागु  होगा और जिनका बल अधेयता पर होगा।
इसके अतरिक्त इसमें अधिगम  के लिए मूल्यांकन भी समलित  होंगे।   
मूल्यांकन -

पाठचर्या  और शिक्षण शास्त्रयी अध्ययन  के लिए  कम  से कम २०% से ३०% तक के अंक  सतत  आंतरिक मूल्यांकन  के लिए निर्धारित किये जाने चाहिए।  ७०% से ८०% तक अंक वाहय  परीक्षा  के लिए लिए होने चाहिए।









Comments

Popular posts from this blog

रुब्रिक , रुब्रिक के प्रकार

curriculum

curriculum development method.