रुब्रिक , रुब्रिक के प्रकार



  महत्त्व-


विधार्थीयो को अध्ययन में मदद करता है.

विद्याथी जो भी कार्य करे उसमे गुणवता युक्त होना चाहिए. उसका ख्याल आता है.
अध्यन पर अधिक भार देता है.
शिक्षक द्वारा होता शिक्षक कार्य तथा परीक्षण  एवं दोनों   के बिच  के संकलन में मदद करता है.
विधार्थियों के पास जो प्रश्न होगा वो स्पष्ट होगा.


रुब्रिक किस प्रकार बनाये -


सबसे पहले विधार्थियों द्वारा होते काम को अधिक गुणवता वाली बनाने के लिए कौन सा मापदंड अच्छा होगा ?

सिद्धि के  किस लेवल के अंतर्गत रुब्रिक का प्रयोग होता है.
पहले स्टेज निश्चित किया हुआ प्रत्येक मापदंड जरुरी है.
इस प्रकार कार्य जो  स्पस्ट  रूप से बनेगा.
अधिक चीजे  का प्रयोग करना हो तो इसके लिए ग्रेड की जगह रहे.


रुब्रिक का उपयोग किस प्रकार-


सबसे पहले विधार्थियों को दिए जाने वाले कार्य के लिए  ऊपर रुब्रिक का विकास करे.

जब आप विधार्थियों जो कोई भी काम दे तो उसके साथ बनाया हुआ रुब्रिक भी साथ में दे.
विधार्थियों को दिया जाने वाला ग्रेड अंतिम में ग्रेड के रूप में दे.
रुब्रिक मापदंड जरुरी लगे तो और अधिक चीजे सम्लित करे.


रुब्रिक के लाभ-

  • विधार्थी के बारे स्पष्टता
  • विधार्थीयो के बारे शिक्षक को पूरी जानकारी होनी चाहिए . तथा जो ध्यान रखना है उसे ध्यान में रखे.
  • परीक्षण की जानकारी होने पर विधार्थी ग्रेड प्राप्त करने के लिए कार्य करेगा.






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