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Showing posts from September, 2017

INTERNSHIP WORK

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                       INTERNSHIP   करने के पहले  का कार्य अध्यापक को जो विधालय दिया गया है. उस विधालय में जाकर  मुलाकात करे. तथा प्रचार्य एवं शिक्षक से मिलकर समस्या दूर करने का सहभागी हो. उस समय पर प्रत्येक विधार्थी के आयोजन नोध्पोथी देखना तथा उसपर हस्ताक्षर करना. तथा अध्यनन अवलोकन मूल्याकन  हो रहा है की नहीं।  इसके लिए इंटर्नशिप कार्यकम को अपने पास रखे. प्रत्येक विधार्थी के कम से कम पाच पाठ का अवलोकन करे. intersheep से संबधित   कार्यक्रम के बारे में कॉलेज के प्रिंसिपल के पास मिलकर या फ़ोन कर बताये. intersheep के समय विधालय के प्रिंसिपल के साथ मुलाकात ले ले .                 INTERNSHIP  पूर्ण करने के बाद का कार्य प्रत्येक  विधार्थी को इंटर्नशिप के समय किये हुए कार्यो का येहवाल पूर्ण करने का मार्गदशन दे. प्रत्येक विधार्थी विधालय में रोज जाये तथा उसका येहवल तथा कार्य मूल्याकन करने के लिए निश्चित किया हुआ मूल्याकन पत्र का उपयोग...

INTERNSHIP

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                                                                                                                                                INTERNSHIP NCTE - Norms and Regulation- 2014 के अनुसार बी.एड कार्यक्रम से बदलकर २ वर्ष हो गया. जिसका मुख्य हेतु शिक्षण  प्रशिक्षण के द्वारा शिक्षा देकर प्राथिमक से लेकर  उच्च शिक्षण तक गुणवता में सुधार लाना. इसके लिए NCTE २० हफ्ते का सघन इन्टर्नशिप कार्यकम की रुपरेखा बनाया.जो बी.एड के दो वर्ष में कूल ४ सेमेस्टर में विविध समय पर आयोजित करने के लिए.   संकल्पना- १९९० में माननीय श्री चंद्रशेखर के समय भारत सरकार शिक्षण की स्थिती जानकर।  शिक्षा म...

रुब्रिक , रुब्रिक के प्रकार

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  महत्त्व- विधार्थीयो को अध्ययन में मदद करता है. विद्याथी जो भी कार्य करे उसमे गुणवता युक्त होना चाहिए. उसका ख्याल आता है. अध्यन पर अधिक भार देता है. शिक्षक द्वारा होता शिक्षक कार्य तथा परीक्षण  एवं दोनों   के बिच  के संकलन में मदद करता है. विधार्थियों के पास जो प्रश्न होगा वो स्पष्ट होगा. रुब्रिक किस प्रकार बनाये - सबसे पहले विधार्थियों द्वारा होते काम को अधिक गुणवता वाली बनाने के लिए कौन सा मापदंड अच्छा होगा ? सिद्धि के  किस लेवल के अंतर्गत रुब्रिक का प्रयोग होता है. पहले स्टेज निश्चित किया हुआ प्रत्येक मापदंड जरुरी है. इस प्रकार कार्य जो  स्पस्ट  रूप से बनेगा. अधिक चीजे  का प्रयोग करना हो तो इसके लिए ग्रेड की जगह रहे. रुब्रिक का उपयोग किस प्रकार- सबसे पहले विधार्थियों को दिए जाने वाले कार्य के लिए  ऊपर रुब्रिक का विकास करे. जब आप विधार्थियों जो कोई भी काम दे तो उसके साथ बनाया हुआ रुब्रिक भी साथ में दे. विधार्थियों को दिया जाने वाला ग्रेड अंतिम में ग्रेड के रूप में दे. रुब्रिक मापदंड जरु...

रुब्रिक

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                                        रु ब्रि क   प्रस्तवाना-   शिक्षण कार्य में समूह रूप से समझाना अर्थात  योग्य रूप  से वर्तन . विकासात्मक क्रमाकं के लिए रुब्रिक. यह मेडिकल में से प्रयोग हुआ है. 1970  में परीक्षण के लिए सबसे पहले रुब्रिक के बारे में बता गया. जिसका मूल हेतु बालको में स्वचिन्तन एवम् स्वमुल्याकन का कार्य. इस प्रक्रिया के लिए रुब्रिक अर्थार्त टेबल मेट्रिक्स की रचना  विधार्थी के कार्य  का योग्य रूप से मूल्याकन करने के लिए. जो विधार्थी के कार्य का मूल्याकन करे तथा ज्ञान की प्राप्ति प्रक्रिया में शुरुआत से अंतिम तक विविध स्तरों से स्वरूप को दर्शाता है.   रुब्रिक के प्रकार-      आड़ी हरोड़       उभु खानु        कोष    आड़ी हरोड़-   जो मुल्याकन के परिणामो को दर्शाता है. जो प्राप्त परिणामो के आधार पर किया जाता है. प्रत्येक आड़ी हरो...

बी. एड फुल टाइम-योग्यता, स्टाफ,तथा सुविधाये

स्टाफ - ५०, ५० विधार्थी  की दो मूल इकाइयों  की भर्ती  के लिए कूल  १६ पूर्ण  कालीन  संकाय  सदस्य  होंगे। जिसमे-    प्रधानाचार्य  विभिन्न  विषयो  जिसे अंग्रेजी  हिंदी, इतिहास, विज्ञानं,तथा अन्य  शारीरिक शिक्षा। ललित कलाये,  तथा अन्य कलाये  आदि. योग्यता   - कला, विज्ञानं, समाजीक  विज्ञानं, तथा अन्य किसी के साथ  सनात्कोत्तर  में ५५% हो. तथा पीएचडी या किसी भी अन्य संस्था में ८ वर्ष शिक्षकों की योग्यता - किसी भी विषय  में सनातकोत्तर  तथा एमएड में ५५% हो तथा पीएचडी  भी होनी चाहिए  विशेष  अध्ययन  पाठ्यक्रम - शारीरिक  शिक्षा- शारीरिक  शिक्षा में स्नातकोत्तर डिग्री जिसमे कम से काम ५५% हो. अन्य  योग्यता - ललित कला में ५५% अंको  के साथ स्नातकोत्तर होना चाहिए। इसके साथ संगीत  में ५५% के साथ सनातकोत्तर हो. प्रशासनिक  तथा व्यवसायिक  स्टाफ -    ...

बी.एड फुल टाइम पाठ्यक्रम

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       बी.एड फुल टाइम अभ्यासक्रम NCTE आधारित प्रस्तावना शिक्षा स्नातक कार्यक्रम जिसे बीएड कार्यक्रम कहते है. जो  प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल तथा उच्चतर माध्यमिक के लिए अध्यापक तैयार करता है. अवधि तथा कार्य दिवस- अवधि- बीएड कार्यक्रम दो वर्ष का होगा . तथा विधार्थी इस कार्क्रम को अधिक से अधिक तीन वर्ष में कर सकते है. कार्यदिवस - प्रत्येक  वर्ष  में काम से कम २०० कार्य  दिवस होगे।  इसमें प्रवेश  तथा परीक्षा की अवधि सम्लित  नहीं  है. कार्यकम चलाने वाली संस्था  प्रति  सप्ताह  कम से कम ३६ घंटे  कार्य  करेगी। विधार्थी के लिए उपस्थति ८०% होने चाहिए। अन्य में ९०% होने चाहिए . दखिला /छमता ,प्रवेश  प्रक्रिया   तथा  शुल्क    दखिला  छमता - छात्रों  की एक मूल  इकाई  में ५० विधार्थी  होंगे।  संथा  में अधिकतम  दो इकाई  को प्रवेश  दिया जायेगा।   पात्रता - ...